हिमाचल चुनाव: कांग्रेस की सरकार बनी तो ये 7 नेता सीएम पद के प्रबल दावेदार। हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को मतदान हुआ था. चुनाव परिणाम आठ दिसंबर को आएंगे. नतीजों से पहले एग्जिट पोल भी आ गए हैं।
TV9 भारतवर्ष के एग्जिट पोल के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की एक बार फिर सत्ता लौटती दिखाई दे रही है. वहीं, इंडिया टूडे और एबीपी-सी वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी और कांग्रेस में टक्कर की लड़ाई है. ऐसे में अगर इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी, यह देखना दिलचस्प होगा. इस बार प्रदेश में कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं.
मंडी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर कांग्रेस पार्टी में अभी तक मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदारों में से एक हैं. 1977 में अपना पहला चुनाव जीतने के बाद वह आठ बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा कई बार मंत्री भी बने हैं. कौल सिंह ठाकुर कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह विधानसभा स्पीकर भी बने थे. वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर कांग्रेस पार्टी में वह मुख्यमंत्री के दावेदारों में पहले पायदान पर हैं. बशर्ते, वह अपनी सीट निकाल सकें. उनके साथ कितने विधायक जुड़ते हैं, यह अभी तय नहीं है. वह 2012 में भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शुमार थे.
राम लाल ठाकुर
जिला बिलासपुर को आज तक मुख्यमंत्री पद नहीं मिला है. यहां से राम लाल ठाकुर पांच बार विधायक रह चुके हैं. वह पहली बार 1985 में विधानसभा के लिए चुने गए थे.राम लाल ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के वफादारों में से एक थे. वह भी मंत्री रह चुके हैं और संगठन में भी अहम पदों पर रह चुके हैं. श्री नैनादेवी से अगर वह जीत जाते हैं तो वह भी कांग्रेस के मुख्यमंत्री के दावेदारों में से एक हैं. वह तीन बार मंत्री रह चुके हैं.
मुकेश अग्निहोत्री
2003 से लगातार जीत दर्ज कर रहे नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री जिला ऊना के हरोली से पांचवी बार चुनाव मैदान में हैं. पत्रकार से राजनेता बने मुकेश अग्निहोत्री भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शुमार हैं. 2012 से 2017 की कांग्रेस सरकार में वह उद्योग व लोक संपर्क विभाग के मंत्री रह चुके हैं. वह संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा भी देख संभाल चुके हैं. अगर कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री बनाती है तो जिला ऊना से इस पद को संभालने वाले वह पहले विधायक होंगे.
सुखविंदर सिंह सुक्खू
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से हमेशा लोहा लेते रहने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू जिला हमीरपुर के नादौन विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं. अगर वह इस बार जीत जाते हैं तो वह चौका लगाने में कामयाब हो जाएंगे. वह 2013 से 2019 तक लगातार दो बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. वह कभी भी मंत्री नहीं रहे, लेकिन आलाकमान में उनकी अच्छी पकड़ होने के कारण वह भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं. वह 2003,2007 और 2017 में जीतकर विधानसभा पहुंच चुके हैं. वह कांग्रेस पार्टी की ओर से सभी खेमों में से सबसे ज्यादा अपनों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे हैं. अगर उनके खेमे के सभी विधायक जीत गए तो संख्या बल के आधार पर मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदार उभर जाएंगे.
आशा कुमारी
आशा कुमारी जिला चंबा के डलहौजी हलके से मौजूदा विधायक हैं. वह छह बार विधायक बन चुकीं हैं. वह मंत्री भी रह चुकी हैं. आशा कुमारी पहली बार 1985 में जिला चंबा के बनीखेत हलके से जीत कर विधानसभा पहुंची थीं. वह जमीन हड़पने के एक मामले में जिला अदालत से सजायाफ्ता हैं. उनकी सजा को प्रदेश उचच न्यायालय ने निलंबित कर दिया था. अब मामला उच्च न्यायालय में लंबित हैं. यही एक चीज है जो उनके मुख्यमंत्री बनने के रास्ते में बाधा बन रही हैं.
प्रतिभा सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं. वह 2021 के उप चुनावों में मंडी संसदीय हलके से भाजपा के ब्रिगेडियर खुशहाल सिंह को हरा कर लोकसभा पहुंचीं और प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद कांग्रेस ने यह बडा उल्टफेर किया था. वह पहले भी सांसद रह चुकी है लेकिन विधायक कभी नहीं रहीं. चूंकि वह अभी विधायक नहीं हैं व यह उनके रास्ते में एक बडी बाधा हो सकती हैं. वह मौजूदा समय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं .
सुधीर शर्मा
पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा धर्मशाला से कांग्रेस उम्मीदवार हैं. वह दस जनपथ के करीबियों में गिने जाते हैं.2019 के उपचुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था. इस उपचुनाव में कांग्रेस हार गई थी. वह 2003 में पहली बार बैजनाथ से विधायक बने थे. 2012 में उन्होंने धर्मशाला से चुनाव लड़ा और विजयी हुए. वह हालीलाज कांग्रेस के भी वफादार हैं.
Source : “TV9 Bharatvarsh”
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