अनुमानित रोजगार तीसरी तिमाही के 3.14 करोड़ से बढ़कर चौथी तिमाही में 3.18 करोड़ हो गया

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केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने अखिल भारतीय त्रैमासिक स्थापना आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) के तहत तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) के चौथे दौर (जनवरी-मार्च 2022) की रिपोर्ट जारी की।

नौ चुने हुए सेक्टर के तहत संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में रोजगार एवं प्रतिष्ठानों से संबंधित बदलाव के बारे में त्रैमासिक अनुमान प्रदान करने के लिए श्रम ब्यूरो यह सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) करता है। इन्हीं नौ क्षेत्रों में गैर-कृषि प्रतिष्ठान सबसे ज्यादा रोजगार देते हैं। ये नौ चयनित क्षेत्र विनिर्माण, निर्माण, कारोबार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्तरां, आईटी/बीपीओ और वित्तीय सेवाएं हैं।

अखिल भारतीय त्रैमासिक स्थापना आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) के दो हिस्से हैं- पहला, त्रैमासिक रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) और दूसरा, एरिया फ्रेम प्रतिष्ठान सर्वेक्षण (एएफईएस)। पहला 10 या उससे अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों से संबंधित है, जबकि दूसरा 9 या उससे कम श्रमिकों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों को लेकर है।

अर्थव्यवस्था के संगठित क्षेत्र में रोजगार और उससे संबंधित परिवर्तन को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के लिए अप्रैल 2021 में एक्यूईईएस के एक हिस्से के रूप में क्यूईएस शुरू किया गया था। हर तिमाही में करीब 12,000 प्रतिष्ठानों से जानकारी इकट्ठा की जा रही है। अप्रैल-जून 2021 की अवधि के लिए ऐसी पहली रिपोर्ट सितंबर 2021 में जारी की गई थी।

चौथी तिमाही की रिपोर्ट जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था के चुने हुए क्षेत्रों में रोजगार में बढ़ोतरी के रुझान दिख रहे हैं। अनुमानित रोजगार तीसरी तिमाही (सितंबर-दिसंबर 2022) के 3.14 करोड़ से बढ़कर चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2022) में 3.18 करोड़ हो गए हैं। यहां इस बात का जिक्र करना महत्वपूर्ण है कि छठी आर्थिक गणना (2013-14) में सामूहिक रूप से लिए गए इन 9 चुने हुए क्षेत्रों में कुल रोजगार 2.37 करोड़ दर्ज किया गया था।

यह त्रैमासिक रोजगार सर्वेक्षण की रिपोर्ट आपूर्ति के साथ-साथ मांग पक्ष को लेकर भी सर्वेक्षण है, यानी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) देश में रोजगार पर डेटा संबंधी अंतर को भरेगा।

चौथे तिमाही की रोजगार सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:

  • चौथे राउंड के दौरान 5.31 लाख प्रतिष्ठानों में अनुमानित रूप से कुल 3.18 करोड़ कामगार काम कर रहे हैं, तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 3.14 करोड़ था।

  • विनिर्माण (मैन्यूफैक्चरिंग) क्षेत्र में सबसे ज्यादा कामगार काम कर रहे हैं, जो कुल का 38.5 प्रतिशत है। इसके बाद शिक्षा क्षेत्र में 21.7 प्रतिशत, आईटी/बीपीओ में 12 प्रतिशत और स्वास्थ्य क्षेत्र में 10.6 प्रतिशत कामगार काम कर रहे हैं।
  • अगर श्रमिकों की संख्या के हिसाब से प्रतिष्ठानों को देखें तो अनुमानित रूप से 80 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में 10 से 99 श्रमिक काम कर रहे हैं। अगर हम 10 या इससे अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों की बात करें तो यह आंकड़ा बढ़कर 88 प्रतिशत हो जाएगा। करीब 12 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में 10 से कम श्रमिक काम कर रहे हैं।
  • केवल 1.4 प्रतिशत प्रतिष्ठानों ने कम से कम 500 श्रमिकों के काम करने की सूचना दी है। ऐसे बड़े प्रतिष्ठान ज्यादातर आईटी/बीपीओ और स्वास्थ्य क्षेत्र में हैं।
  • चौथी तिमाही की रिपोर्ट में महिला कामगारों की हिस्सेदारी तीसरी तिमाही के 31.6 प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़कर 31.8 प्रतिशत हो गई है। हालांकि स्वास्थ्य क्षेत्र में महिला कामगारों की हिस्सेदारी कुल कार्यबल का करीब 52 प्रतिशत है। इसी तरह शिक्षा, वित्तीय सेवाओं और आईटी/बीपीओ क्षेत्र में यह आंकड़ा क्रमश: 44 प्रतिशत, 41 प्रतिशत और 36 प्रतिशत है। यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि वित्तीय सेवाओं में स्वरोजगार करने वालों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं अधिक है।
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