Read Time:4 Minute, 33 Second
देहरा 19 जुलाई: आयुर्वेद तथा पारंपरिक उपचार पद्धति को बढ़ावा देने के साथ साथ लोगों को आय के साधन उपलब्ध करवाने हेतु जिला कांगड़ा के प्रत्येक विकास खंड में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। ज्वालाजी स्थित एसएसबी प्रशिक्षण केंद्र में औषधीय पौधे को रोपित कर हर्बल विक्रय केंद्र का शुभारंभ करते हुए उपायुक्त कांगड़ा डाॅ. निपुण जिंदल ने यह शब्द कहे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एसएसबी केंद्र सपड़ीे में आयुष विभाग के औषधीय पौधों के विशेषज्ञों के सहयोग से हर्बल नर्सरी को भी स्थापित किया जाएगा। उपायुक्त कांगड़ा डाॅ निपुण जिंदल ने इस अवसर पर एसएसबी केंद्र सपड़ी में स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए औषधीय पौधों के उत्पादों के विक्रय केंद्र का शुभारंभ किया। उपायुक्त ने कहा कि मिशन धनवंतरी के तहत जिले कांगड़ा के 16 विकास खंडों में हर्बल नर्सरी की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग द्वारा एक विकास खंड से शुरु की गई इस पहल को अब जिला प्रशासन द्वारा मिशन धनवंतरी के तहत पूरे जिला में फैलाया जा रहा है। इससे प्रत्येक विकास खंड में औषधीय पौधों की नर्सरी को विकसित कर औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि कोरोना के संकट काल में सबने यह अनुभव किया कि आधुनिक के साथ-साथ हमारी पारंपरिक उपचार पद्धति भी स्वस्थ जीवन के लिए कितनी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बदली हुई जीवनशैली के कारण आज असंख्य रोग हर मानव शरीर को घेर रहे हैं। इस हेतु आषौधीय पौधों और चिकित्सक के परामर्श अनुसार उनके सही सेवन से हम अपने शरीर को स्वास्थ्य लाभ पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों का हमारी उपचार पद्धति में बहुत अधिक महत्व है और इसके सेवन से कईं असाध्य रोगों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है। उपायुक्त ने कहा कि इसके महत्व को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने मिशन धनवंतरी की शुरुआत करते हुए पूरे जिले में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
उपायुक्त ने बताया कि मनरेगा के अन्तगर्त कंवर्जेंस माॅडल के तहत भी प्रशासन द्वारा औषधीय पौधों की नर्सरी को स्थापित करते हुए इनकी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके संचालन हेतु मुख्यमंत्री एक बीघा योजना, पंचायतों में उपलब्ध सरकारी जमीन और किसानों को निजी भूमि में भी इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि औषधीय पौधों की सफल खेती के साथ पंचायतों में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के निर्माण को भी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से औषधीय पौधों से विभिन्न उत्पाद तैयार कर उन्हें बाजार में विक्रय किया जाएगा। जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी के साथ साथ घरद्वार पर ही महिलाओं को आय और रोजगार के अच्छे साधन उपलब्ध होंगे।
इस अवसर पर डीआईजी प्रशिक्षण केंद्र सपड़ी विक्रम सिंह ठाकुर, सहायक कमाण्डर विनोद तलवार, डिप्टी कमांडेंट राकेश कुमार, जिला नोडल अधिकार आयुष विभाग डाॅ. सुनिल सहित विभिन्न स्वयं सहायता समूह के सदस्य उपस्थित रहे।
Average Rating