अब तक 7840 पशुओं को लग चुके हैं टीके,
टीकाकरण कार्य प्रगति पर है
चंबा 6 सितंबर..लम्पी चमड़ी रोग से गोवंश की सुरक्षा के लिए 4 माह से ऊपर सभी गोवंश को निशुल्क रोग रोधक टीकाकरण करवाने से प्रभावी टीके 3 सप्ताह के भीतर पूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हैं | उपनिदेशक पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन चंबा डॉक्टर लाल गोपाल ने बताया कि पशुपालकों को अपने गोवंश की सुरक्षा के लिए यह टीका अवश्य लगवाना चाहिए|
डॉक्टर लाल गोपाल ने बताया कि गोवंश में टीकाकरण के बाद मामूली रूप से प्रतिकूल प्रतिक्रिया हो सकती हैं, टीकाकरण स्थल पर सूजन जो कि हानिकारक नहीं होती है और एक दो सप्ताह के भीतर ही गायब हो जाती है, तथा दूध उत्पादन में मामूली कमी से जुड़ा अल्पकालिक बुखार आता है |
उन्होंने बताया कि कुछ टीके शायद ही कभी शरीर या थन में छोटे पिंड पैदा कर सकते हैं जो जल्द ही गायब हो जाते हैं |
डॉक्टर लाल गोपाल ने बताया कि विश्वसनीय स्रोतों से ही स्टॉक खरीदने व नए जानवरों की आवाजाही से पहले और आवागमन पर जांच करें और 28 दिनों के लिए संगरोध यानी पशु को झुंढ से अलग रखें |
अच्छे कीटनाशक का स्प्रे, छिड़काव या स्पॉट ऑन उत्पादों का उपयोग नियमित रूप से करें |
खेतों को खड़े पानी और गोबर जैसे कीड़ों के प्रजनन स्थलों से भी मुक्त रखें |
उन्होंने यह भी बताया कि फार्म आगंतुकों को आवश्यक सेवाओं तक ही सीमित रखा जाना चाहिए सभी आगंतुक वाहनों, उप उपकरणों और जूतों को संपत्ति में प्रवेश करने से पहले साफ किया जाना जरूरी है जूते के कवर का उपयोग भी किया जाना चाहिए |
डॉक्टर लाल गोपाल ने बताया कि लप्पी चमड़ी रोग केवल गोवंश और भैंस को प्रभावित करता है मनुष्यों को प्रभावित नहीं करता है, इस बीमारी का प्रकोप सबसे अधिक गर्म महीनों और बरसात के दौरान जबकि कीट सबसे अधिक सक्रिय और प्रचुर मात्रा में होते हैं |
बीमारी के लक्षण के दौरान पशु को को तेज बुखार त्वचा में सूजन व मोटी मोटी गांठे,आहार खाने में परेशानी,कमजोरी व दूध उत्पादन में कमी के लक्षण पाए जाते हैं | इसके अतिरिक्त गांठों में घाव व अल्सर निकल आते हैं | थनों, होंठ और मुंह और नाक के अंदर अल्सर होना आंख और नाक से स्राव और अत्यधिक लार आना लसिका ग्रंथि सूज जाती हैं | इस अवस्था में पशु की सुरक्षा के लिए टीकाकरण अवश्य करवाएं |
डॉक्टर लाल गोपाल ने बताया कि लम्पी चमड़ी रोग के मामले जिला चंबा में सबसे पहले तहसील भाटियात व सलूणी में 22 अगस्त को सामने आए थे 601 जानवर इस बीमारी की चपेट में आए हैं इनमें से 7 पशुओं की मौत हुई है |
डॉक्टर लाल गोपाल ने बताया कि इस रोग के 7840 जानवरों को वैक्सीन लगा दी गई है| वैक्सीनेशन का कार्य प्रगति पर है और वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है |
डॉक्टर लाल गोपाल ने बताया कि पशुपालक अपने मवेशियों की निगरानी रखें और संदिग्ध मामलों की सूचना विभाग के 01899 -222317 पर सूचित करें |
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