ऊना, 3 सितंबरः राज्य में गायों को लंपी वायरस से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़े स्तर पर अभियान छेड़ा है, जिसके तहत पशुधन को बचाने के लिए हरसंभव प्रयत्न किए जा रहे हैं। यह जानकारी देते हुए ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि पशु पालन विभाग स्थिति पर निरंतर नजर बनाए हुए है तथा साप्ताहिक समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के आस-पास 5 किमी के दायरे में रोग प्रतिरोधी टीकाकरण किया जा रहा हैं तथा अब तक 1,21,080 गायों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, जो निरन्तर जारी है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों से इस रोग के बारे में प्रतिदिन सूचना एकत्रित कर केंद्र सरकार को भेजी जा रही है। विभाग बीमारी से संबंधित टीकाकरण, पशु की मृत्यु तथा संक्रमण दर इत्यादि का विवरण विभागीय वैबसाइट पर प्रतिदिन अपडेट कर रहा है। सभी जिलों में रोगी पशुओं के उपचार के लिए पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं तथा वैक्सीन खरीदने के लिए जिला स्तर पर 12 लाख रूपये की अतिरिक्त धनराशि जारी कर दी गई है तथा विभागीय बजट से भी दवाईयों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
पशु पालन मंत्री ने कहा कि समस्त जिला उप-निदेशकों को संबंधित जिला के उपायुक्त से मिलकर पीड़ित गौवंश के उपचार एवं बीमारी की रोकथाम बारे प्रचार-प्रसार हेतु वाहन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा विभागीय अधिकारियों को स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर विभिन्न स्थानों पर मक्खी-मच्छर की रोकथाम हेतु कीटनाशक दवाईयों को छिड़काव करवाने को भी कहा गया है। सभी प्रभावित जिलों में विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की टीमें गठित की गई हैं, जो रोगी पशुओं को तुरन्त उपचार उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि डॉ. अरूण सरकैक, उप निदेशक, रोगव्यापिकी, शिमला (मोबाइल नंबर 94180-44545) को राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा प्रत्येक जिला के सहायक निदेशक (परियोजना) को जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि अब तक प्रदेश के नौ जिलों में कुल 44,022 पशु इस रोग से ग्रस्त पाए गए हैं, जिनमें से 1,623 गौवंश की मृत्यु दर्ज की गई है तथा अब तक 14,820 ठीक हो चुके है। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्राधिकरण ने 27 अगस्त को एक अधिसूचना जारी कर उपायुक्तों को प्राधिकृत अधिकारी घोषित किया है तथा पशुओं के आवागमन पर रोक लगा दी है। अधिसूचना जारी होने के बाद राजस्व विभाग की राहत पुस्तिका के अनुसार मृत पशुओं के मालिकों को मुआवजा भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पशु पालकों को लंपी वायरस के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस बीमारी के बारे में जागरूकता लाने के लिए आसान भाषा में जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि लंपी चमड़ी रोग अत्यंत संक्रामक रोग है। यह विशाणु जनित रोग संक्रमित पशु के सम्पर्क में आने व मक्खी अथवा मच्छर द्धारा संक्रमित पशु को काटने के बाद स्वस्थ पशु को काटने से फैलता है। उन्होंने कहा कि पशु में बीमारी के लक्षण देखते ही पशु पालक नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान से सम्पर्क करें तथा अपने स्वस्थ पशुओं को इस बीमारी से बचाने के लिए बीमार पशुओं से अलग कर दें। पशु पालक पशुशाला परिसर व आस-पास के क्षेत्रों को कीटाणु, मक्खी, मच्छर रहित रखने के लिए आवश्यक कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव करें तथा स्वस्थ पशुओं का रोगप्रतिरोधी टीकाकरण करवाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार टीकाकरण एवं बीमार पशु का उपचार निशुल्क कर रही है।
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