भारतीय राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी द्वारा 8 करोड़ टेली-परामर्श प्रदान किए गए

Spread the Message
Read Time:5 Minute, 32 Second

भारत सरकार की मुफ्त टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए आश्चर्यजनक तरीके से 8 करोड़ टेली-परामर्श प्रदान करने का आंकड़ा पार करके एक और मील का पत्थर पार कर लिया है। पिछले 1 करोड़ परामर्श लगभग 5 सप्ताह की उल्लेखनीय समय सीमा में उपलब्ध कराये गए थे, जिससे टेलीमेडिसिन को व्यापक रूप से अपनाने का संकेत मिलता है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ई-स्वास्थ्य पहल ई-संजीवनी एक राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा है, जो पारंपरिक रूप से डॉक्टर के पास जाकर परामर्श लेने के स्थान पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से घर बैठे ही चिकित्सीय लाभ उठाने का विकल्प प्रदान करने का प्रयास करती है।

इस पहल ने 3 वर्ष से भी कम समय-सीमा में दुनिया के सबसे बड़े सरकारी स्वामित्व वाले टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म होने का गौरव हासिल किया है। इसमें दो वर्टिकल शामिल हैं, जो सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के रोगियों को सेवा प्रदान करते हैं और सफलतापूर्वक देश के अंदरूनी इलाकों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।

पहला वर्टिकल ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी टेली-परामर्श प्रदान करके ग्रामीण-शहरी डिजिटल स्वास्थ्य विभाजन की खाई को पाटने का प्रयास करता है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि आयुष्मान भारत योजना के सभी ई-लाभार्थी उन फायदों को प्राप्त करने में सक्षम हैं, जिनके वे वास्तव में हकदार हैं। यह वर्टिकल हब-एंड-स्पोक मॉडल पर काम करता है, जिसके तहत ‘आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र’ (एचडब्ल्यूसी) राज्य स्तर पर स्थापित किए जाते हैं, ये सभी किसी पहिये की तीलियों के रूप में कार्यरत हैं, जो आंचलिक स्तर पर हब (जिसमें एमबीबीएस/स्पेशलिटी/सुपर- विशेषज्ञ चिकित्सक) के साथ मैप किए जाते हैं। इस मॉडल को ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से 1,09,748 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) तथा 14,188 चिकित्सा केंद्रों में सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जिनसे कुल 7,11,58,968 टेली-परामर्श प्रदान किये गए हैं।

दूसरा वर्टिकल ई-संजीवनी ओपीडी है, जो ग्रामीण एवं शहरी दोनों तरह के क्षेत्रों में समान रूप से नागरिकों की प्राथमिक चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसके माध्यम से स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप के जरिये प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया जाता है, जिससे डॉक्टर के परामर्श को रोगी के निवास स्थान की परवाह किए बिना सुलभ बनाया जा सकता है। ई-संजीवनी ओपीडी ने 2,22,026 चिकित्सकों, विशेषज्ञों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित तथा ऑनबोर्ड किया गया है, जिनकी सहायता के साथ 1,144 ऑनलाइन ओपीडी संचालित की जाती हैं। इस प्लेटफॉर्म का एक दिन में 4.34 लाख से अधिक मरीजों की सेवा करने का प्रभावशाली रिकॉर्ड है। मोहाली का सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) उपयोगकर्ताओं को समग्र तकनीकी प्रशिक्षण एवं सहायता प्रदान कर रहा है, साथ ही यह प्रतिदिन 10 लाख रोगियों को चिकित्सा सेवा प्रदान करने में सक्षम होने के लिए इस वर्टिकल के संकायों को लगातार बढ़ा रहा है।

ई-संजीवनी आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन (एबीडीएम) का ही एक हिस्सा है और ई-संजीवनी एप्लिकेशन के माध्यम से 45,000 से अधिक आभा आईडी तैयार की गई हैं।

इस प्लेटफार्म का उपयोग करने वाले दस अग्रणी राज्य हैं: आंध्र प्रदेश (28242880), पश्चिम बंगाल (10005725), कर्नाटक (9446699), तमिलनाडु (8723333), महाराष्ट्र (4070430), उत्तर प्रदेश (3763092), मध्य प्रदेश (3283607), बिहार (2624482), तेलंगाना (2452529), गुजरात (1673888)।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post सर्दी में फटे होंठ से परेशान हैं तो अपनाएं दादी-नानी के ये 3 नुस्खे
Next post केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने “भारत में स्वास्थ्य और विज्ञान में बदलाव का नेतृत्व करने वाली महिलाएं” सम्मेलन की अध्यक्षता की, इस दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह उपस्थित थे
Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
error: Content is protected !!