भारतीय मानक ब्यूरो ने देश के मानकों को पाठ्यक्रम के एक हिस्से के रूप में शामिल करने के लिए शीर्ष छह भारतीय इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

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भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने भारतीय मानकों को पाठ्यक्रम के अभिन्न अंग के रूप में शामिल करने के लिए देश के शीर्ष छह इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह पहल शिक्षाविदों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ बीआईएस के संस्थागत जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए की गई है।

संस्थानों में ‘बीआईएस मानकीकरण चेयर प्रोफेसर’ की उपस्थिति में 28 नवंबर 2022 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू, मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान त्रिची के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

यह पहल संबंधित संस्थानों में विज्ञान एवं विभिन्न विषयों के क्षेत्र में शिक्षण व अनुसंधान और विकास में उत्कृष्टता तथा कुशल नेतृत्व को बढ़ावा देगी।

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समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान बीआईएस के महानिदेशक श्री प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि देश के इन जाने-माने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और बीआईएस के बीच हुआ समझौता ज्ञापन अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाने, मानकीकरण प्रक्रिया के क्षेत्र में युवा आबादी की भागीदारी को प्रोत्साहित करने तथा संयुक्त रूप से सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशाला संगोष्ठी या व्याख्यान, प्रशिक्षण तथा संक्षिप्त शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन करके मानक निर्माण गतिविधियों को मजबूत करेगा और इसे आगे बढ़ाएगा। उन्होंने नए मानकों के निर्माण तथा मौजूदा के अनुपालन में शैक्षणिक संस्थानों में स्टार्ट-अप और इंक्यूबेशन केंद्रों के साथ जुड़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। यह भी अनुमान लगाया गया है कि प्रौद्योगिकी उन्मुख उत्पादों एवं सेवाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार और मानकों के विकास को एक साथ जोड़ा जाएगा।

आईआईटी बीएचयू के डीन (आर एंड डी) प्रो. विकास दुबे; एमएनआईटी के निदेशक डॉ. नारायण प्रसाद पाढ़ी; आईआईटी इंदौर में निदेशक डॉ. सुहास एस. जोशी; आईआईटी पटना के निदेशक प्रोफेसर टी.एन सिंह; आईआईटी मद्रास में पूर्व छात्र और कॉर्पोरेट संबंध के डीन प्रोफेसर महेश पंचाग्नुला और एनआईटी त्रिची में डीन आरएंडसी डॉ. एस मुथुकुमारन ने इस पहल के प्रति अपनी वचनबद्धता का आश्वासन दिया और सभी प्रकार से आवश्यक सहयोग देने पर सहमति व्यक्त की।

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