बेरोजगारी को मुद्दा बना विपक्ष कर रहा वार, बीजेपी के पास विकास ही हथियार।विधानसभा चुनाव की जंग अब जोर पकड़ रही है, सभी दल अपने-अपने दावों और वादों के साथ मैदान में उतर चुके हैं, विपक्ष की ओर से बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर लगातार बीजेपी को घेरा जा रहा है, वहीं भाजपा विपक्ष के खिलाफ विकास के मुद्दे को हथियार बना रही है.दोनों ही तरफ से वार-पलटवार का सिलसिला जारी है, इन सभी का निशाना युवा वर्ग का वोट है, भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत सभी दल युवा वोट बैंक को अपने पाले में खींचना चाहते हैं.
भाजपा के विकास मॉडल को कमजोर करने के लिए कांग्रेस ने बेरोजगारी के मुद्दे को अपनाया है, हिमाचल प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर प्रचार के दौरान कांग्रेस के नेता बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बना रहे हैं, खास बात ये है कि कांग्रेस की ओर से सरकार बनने पर 5 लाख युवाओं को रोजगार देने की गारंटी दी गई है, इसके अलावा भी स्टार्टअप फंड का ऐलान किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अपनी ओर खींचा जा सके. आम आदमी पार्टी का भी फोकस युवा वोट पर है, वह बेरोजगारी भत्ता और रोजगार देने जैसे बड़े ऐलान कर चुके हैं.
इधर भाजपा प्रदेश में हो रहे विकास कार्य और डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्ष के हर वार को असफल करने के प्रयास में जुटी है, भाजपा नेता अपनी सरकार के काम गिनाने में जुटे हैं, खास बात ये है कि राज्य सरकार से ज्यादा केंद्र सरकार के कामों को गिनाया जा रहा है, कार्यकर्ता सीएम जयराम ठाकुर से ज्यादा पीएम मोदी के चेहरे के साथ चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं.
भाजपा राज में चहेतों को नौकरी
हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस पूरी तरह सत्ता पक्ष पर हमलावर है, पिछले दिनों ही प्रदेश कांग्रेस के सचिव हरि कृष्ण हिमराल ने कहा था कि भाजपा राज में बेरोजगारी बढ़ी है, नौकरी मिली है तो सिर्फ चहेतों को दी गई है. रोजगार कार्यालयों में रजिस्टर्ड युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.
बेरोजगारों के साथ धोखा
कांग्रेस की तरह माकपा भी बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की तैयारी में है, माकपा के मजदूर संगठन सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि रोजगार के मामले में भाजपा सरकार फेल साबित हुई है, किसी भी स्थानीय को बीजेपी सरकार में रोजगार नहीं दिया गया, ये बेरोजगारों के साथ धोखा है, सिर्फ चहेतों को नौकरी दी गई है.
हिमाचल में ये हैं हालात
हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है, रोजगार कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में यह संख्या 8.50 लाख पार हो चुकी है. वर्षों से खुद को कार्यालय में रजिस्टर्ड करा चुके ये युवा नौकरी न मिलने पर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, इनमें से कई ऐसे भी युवा हैं जो सरकारी नौकरी के लिए अब ओवरएज हो चुके हैं. एक आंकड़े के मुताबिक पिछले पांच साल में 32 हजार से ज्यादा युवाओं ने खुद को रोजगार कार्यालय में रजिस्टर्ड कराया है, इनमें ज्यादातर युवा ऐसे हैं जिन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की है लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल सका.
http://dhunt.in/Ef0H2?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “TV9 Bharatvarsh”
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