हिमाचल विस चुनाव: कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, सिरमौर और किन्नौर में कैसे बदलेंगे चुनावी समीकरणजपा ने हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए 62 सीटों पर प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। मनाली से मंत्री गोविंद ठाकुर और बंजार से विधायक सुरेंद्र शौरी को टिकट दिया गया है।जबकि आनी में विधायक किशोरी लाल सागर का टिकट कटा है। विधायक की जगह भाजपा ने युवा नेता लोकेंद्र कुमार पर दांव खेला है। वहीं लाहौल-स्पीति विस क्षेत्र से भाजपा ने मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा पर फिर से दांव खेला है।
कुल्लू सदर से भाजपा, मनाली में कांग्रेस का प्रत्याशी अभी तय नहीं हुआ है। हॉट सीट मानी जा रही कुल्लू सदर विस क्षेत्र में भाजपा अभी तक प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है। कुल्लू सदर में पूर्व विधायक महेश्वर सिंह सहित कई दावेदार मैदान में हैं। ऐसे में हाईकमान असमंजस में है। वहीं मनाली व आनी विधानसभा में कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशी के नामों का एलान नहीं किया है।
भाजपा ने सदर बिलासपुर से सुभाष ठाकुर की जगह त्रिलोक जम्वाल को टिकट दिया है। बाकी सभी पुराने ही उम्मीदवार घोषित किए हैं। घुमारवीं से राजेंद्र गर्ग, झंडुता से जीत राम कटवाल, श्री नयना देवी जी से रणधीर शर्मा। कांग्रेस ने हमीरपुर तो भाजपा ने बड़सर में होल्ड टिकट होल्ड किया है। शेष चार सीटों पर दोनों दलों के प्रत्याशियों के नाम घोषित हो चुके हैं। टिकट में देरी से कांग्रेस को हमीरपुर तो भाजपा को बड़सर में नुकसान हो सकता है। जिले में अन्य सभी सीटों से दोनों दलों के प्रत्याशी चुनाव प्रचार में कूद गए हैं।
भोरंज विस क्षेत्र से मौजूदा विधायक कमलेश का टिकट काटकर डॉ. अनिल धीमान को प्रत्याशी बनाया गया है। डॉ. धीमान 2017 के उपचुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। पिता आईडी धीमान लगातार छह बार विधायक रह चुके हैं। टिकट कटने से कमलेश कुमारी नाराज हैं। ऐसे में गुटबाजी से पार पाना चुनौती रहेगा।
चंबा सदर विधानसभा की सीट भाजपा के लिए प्रयोगशाला बन गई है। मौजूदा विधायक को दोबारा मौका देने में पार्टी ने रुचि नहीं दिखाई है। पहले बीके चौहान का टिकट काटा गया था अब पवन नैयर पर गाज गिरी है। भाजपा लगातार तीन विधानसभा चुनावों में चंबा सदर विस में जीत दर्ज कर चुकी है। इस बार भाजपा ने इंदिरा कपूर को प्रत्याशी घोषित किया है।
जिला सिरमौर में पच्छाद कांग्रेस में बड़ी बगावत के आसार हैं। गंगूराम मुसाफिर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। 1982 में भी मुसाफिर निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। रेणुका जी सीट से भाजपा ने नए चेहरे पर दांव खेला है। बलवीर का टिकट काटकर नारायण सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वहीं पहली बार दो राष्ट्रीय दलों ने पच्छाद से महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। कांग्रेस से दयाल प्यारी और भाजपा से रीना कश्यप आमने-सामने हैं।
किन्नौर में मौजूदा विधायक जगत नेगी का टिकट भी फंस गया है। किन्नौर से चार बार रहे विधायक जगत सिंह नेगी का टिकट होल्ड पर है। युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष निगम भंडारी उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। अगर टिकट कटता है तो जगत सिंह नेगी निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।
http://dhunt.in/DJbtj?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “अमर उजाला”
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