शिमला 13 अक्टूबर : नाबार्ड के जनसंपर्क अधिकारी हरेंद्र सिंह ने आज जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय शिमला द्वारा स्वयं सहायता समूह एवं कृषक उत्पादक संघ के उत्पादों की कृषि प्रदर्शनी के लिए पांच दिवसीय दिवाली उत्सव मेला 2022 का आयोजन शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर 14 अक्टूबर से 18 अक्टूबर 2022 तक किया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि इस मेले में नाबार्ड द्वारा समर्थित स्वयं सहायता समूह की ग्रामीण महिलाओं व किसान उत्पादक संगठनों के किसानों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी । उन्होंने कहा कि मेले में पूरे भारतवर्ष के विभिन्न जिलों के लगभग 36 स्वयं सहायता समूह तथा किसान उत्पादक संगठन हिस्सा ले रहे हैं । उन्होंने कहा कि शिमला में इस तरह की पहल नाबार्ड ग्राम्य उत्पाद मेला 2018 के रूप में शुरू हुई थी, जिसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं कृषि उत्पादक संगठनों के उत्पादों को बेचने तथा खरीदने का शुभ अवसर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड को देश के कोने-कोने तक करोड़ों लोगों से आशा, साहस और सृजनशीलता जगाने की अपनी परंपरा पर गर्व है । भारत में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नाबार्ड की भूमिका अभूतपूर्व है कृषि कुटीर उद्योग और ग्रामीण उद्योगों के विकास के लिए ऋण प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और विकास को बढ़ावा देने के आदि देश के साथ भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड की स्थापना एक ही शब्द विकास बैंक के रूप में की है ।
उन्होंने बताया कि नाबार्ड का लक्ष्य है कि सतत और न्याय संगत कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए सहभागी वित्तीय एवम् गैर वित्तीय हस्ताक्षेपो नवाचारों प्रौद्योगिकी और संस्थागत विकास के माध्यम से समृद्धि हासिल करना है । उन्होंने बताया कि नाबार्ड अपनी वित्तीय विकासात्मक और पर्यवेक्षक भूमिका के आधार पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लगभग हर पहलू को छू रहा है जिसमें पुनर्वित सहायता प्रदान करना, ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण, जिला स्तर की ऋण योजना तैयार करना,ऋण लक्ष्यों को प्राप्त करने में बैंकिंग उद्योग को मार्गदर्शन और प्रेरित करना, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय बैंकों की निगरानी करना और सुदृढ़ बैंकिंग प्रथाओं को विकसित करना, ग्रामीण विकास के लिए नई परियोजनाओं को डिजाइन करना, भारत सरकार की विकास योजनाओं को लागू करना, हस्तशिल्प कारीगरों को प्रशिक्षण देना एवं उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए एक विपणन मंच प्रदान करना आदि शामिल है ।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड सूक्ष्म ऋण नवप्रवर्तन तथा कृषि क्षेत्र विकास विभाग के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह संयुक्त देयता समूह को वित्त पोषण स्वयं सहायता समूह का डिजिटलीकरण ईशक्ति, गांव स्तरीय कार्यक्रम, सूक्ष्म उद्यमिता विकास कार्यक्रम, आजीविका उद्यमिता विकास कार्यक्रम ग्रामीण उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम, ग्रामीण उद्यमिता क्लस्टर विकास प्रदर्शनी और मेलों का आयोजन आदि के विभिन्न कार्य हिमाचल प्रदेश में करता आ रहा है।