महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उतर प्रदेश में पोषण माह के अन्तर्गत स्वस्थ बालक स्पर्धा के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। स्वस्थ बालक स्पर्धा का आयोजन प्रदेश के 1.8 लाख से अधिक आँगनबाड़ी केन्द्रों पर किया गया।
स्वस्थ बालक स्पर्धा कार्यक्रम के माध्यम से जनमानस को यह संदेश देना है कि बच्चे के सही शारीरिक और मानसिक विकास के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार के साथ स्वच्छता और बच्चे की वृद्धि निगरानी भी बहुत जरूरी है। शारीरिक रूप से कमजोर बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण वह बार बार बीमारी पड़ेगा और अपने साथ के बच्चों से पीछे रह जाएगा। इस स्पर्धा के माध्यम से ऐसे बच्चों के माता-पिता को बच्चों की विशेष देख-भाल के लिए प्रेरित करना भी रहा है, जिनके बच्चें अपेक्षाकृत कमजोर है। इस स्पर्धा में विभाग के अधिकारियों / कर्मचारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज, ग्राम विकास स्वास्थ्य बालक बालिका स्पर्धा के आयोजन में स्थानीय संस्थाओं स्वयं सहायता समूहों, शैक्षणिक संस्थाएँ, यूथ क्लब, लायन्स क्लब, रोटरी क्लब, आशा, ए०एन०एम० आई०एम०ए० आदि का सक्रिय सहयोग लिया गया।
इस स्पर्धा को सभी ऑगनबाड़ी केन्द्रों / बाल विकास परियोजना कार्यालयों पर त्योहार / उत्सव के रूप में मनाया गया तथा समुदाय में स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक जागरूकता लायी गयी। स्वास्थ्य बालक बालिका स्पर्धा के आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता भी प्राप्त हुआ।
स्वस्थ बालक बालिका प्रतियोगिता के आयोजन पश्चात् ग्राम पंचायत स्तर पर दिनॉक 2 अक्टूबर 2022 को पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जायेगा। सभी आँगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों की रैकिंग प्रथम, द्वितीय, तृतीय के रूप में की गयी है तथा बच्चों की माता-पिता (विशेष कर माताओं को) प्रमाण-पत्र भी उपलब्ध कराया जायेगा। प्रतियोगिता में स्वस्थ पाये गये बच्चों को उनकी रैकिंग के अनुसार ऑगनबाड़ी केन्द्र / स्थानीय स्तर पर निर्मित खिलौने आदि पुरस्कार के रूप में दिये जायेगें।
आंगनवाड़ी केंद्रों पर संसाधनों के अतिरिक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को प्रमुख सेविका तथा अधिकारियों के नियमत सहयोगात्मक पर्यवेक्षन को तकनीक आधार बनाने के लिए विभाग द्वारा विकसित ‘सहयोग ऐप’ का विमोचन किया गया । इस कार्यक्रम में 03-06 वर्ष के बच्चों के लिए ईसीसीआई आधार ‘बाल पिटारा’ मोबाइल ऐप का लॉन्च भी किया गया ।
आकांक्षात्मक जनपदों में 06 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए दूरभाष पर गतिविधियों आधारित सीखने-सिखाने की प्रणाली -“दुलार” कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । “दुलार” कार्यक्रम में 08 आकांक्षात्मक जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया।