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ऊना जिला में 1610 रोगियों को सहारा देने पर खर्च हुए 6 करोड़ रुपए

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ऊना, 21 सितंबरः गंभीर बीमारियों से ग्रस्त निर्धन परिवारों से ताल्लुक रखने वाले व्यक्तियों के लिए प्रदेश सरकार की सहारा योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत अब तक ऊना जिला में 1610 व्यक्तियों लगभग 6 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई है।
इस योजना के तहत गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को प्रदेश सरकार द्वारा 3 हजार रुपए प्रति माह पैंशन दी जाती है योजना का लाभ पाने के लिए पात्र व्यक्ति www.saharahpsbys.in पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं। योजना के तहत पार्किन्सन, कैंसर, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, अधरंग, किडनी फेल होना जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त गरीब मरीजों को प्रदेश सरकार सहारा योजना के तहत तीन हजार रुपए की मासिक पेंशन प्रदान करती है, ताकि वह आत्म सम्मान के साथ अपना जीवन जी सकें। उन्होंने बताया कि सहारा योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के एकल परिवार में रहने वाले गंभीर रोगों से ग्रस्त व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवा के अतिरिक्त देखभाल के लिए कार्यान्वित की गई है।
योजना की पात्रता
इस योजना में आवेदक हिमाचल प्रदेश राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य है। आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 4 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आवेदक को सहायता प्राप्त करने के लिए अपनी बीमारी का प्रमाण पत्र बनवाना होगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई बीमार व्यक्ति सरकारी पेंशन का लाभ ले रहे हैं, तो वह इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। उन्होंने ने कहा कि अधिक जानकारी के लिए निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं।
केंद्र सरकार कर रही वंचितों का कल्याण
छठे राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में पूरे प्रदेश ने सुशासन का एक नया सूर्योदय देखा है। सहारा योजना वर्तमान सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लाचार व्यक्ति को आत्म सम्मान के साथ जीने में मदद देती है। प्रदेश सरकार ने जहां सहारा जैसी योजना आरंभ की है, वहीं केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत व प्रदेश सरकार की हिमकेयर योजना भी बीमार व्यक्ति की मुश्किल वक्त में सहायता करती है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के पिछले पौने पांच वर्ष के कार्यकाल ने जन कल्याण को एक नई परिभाषा दी है, जो उनके फैसलों में स्पष्ट रूप से दिखती है।

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