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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुष मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि भारत में तुलसी की महत्ता से सब परिचित हैं। तुलसी भारतीय वैज्ञानिक पद्धति की प्रमाणिकता सिद्ध करती है। डॉ. सैजल गत सांय भारत विकास परिषद सोलन इकाई द्वारा आयोजित तुलसी वितरण एवं परिवार मिलन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि तुलसी हमारी वैज्ञानिकता का प्रमाण है। भारत विकास परिषद सोलन इकाई द्वारा तुलसी वितरण कार्यक्रम आयोजित कर सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक चेतनता का संदेश दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अनंत काल से भारत में तुलसी को राम बाण दवा के रूप में जाना जाता है। इस दिशा में भारत के आयुर्वेद आचार्यों द्वारा किए गए शोध वर्तमान में भी विज्ञान की कसौटी पर खरे उतरे है। उन्होंने कहा कि रोग प्रतिरोधक औषधी के रूप में तुलसी का नियमित सेवन लाभप्रद रहता है। तुलसी पर्यावरण को शुद्ध रखने के साथ-साथ हमे संस्कृति से भी जोड़े रखती है। तुलसी का भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही विशेष महत्व रहा है, इसका जहां अध्यात्मिक महत्व रहा है वहीं आयुर्वेद में भी यह महत्वपूर्ण औषधी के रूप में निरंतर प्रयोग में लाई जाती रही है।
आयुष मंत्री ने कहा कि परिवार समाज की सबसे मजबूत इकाई है। ऐसे परिवार मिलन कार्यक्रम में शामिल होना हम सभी के लिए गौरव की बात है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड का खतरा अभी टला नहीं है। हम सभी को कोविड से सावधान रहते हुए कोरोना नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने सभी से कोरोना रोधी बूस्टर डोज लगवाने का आग्रह किया।
भारत विकास परिषद सोलन इकाई के अध्यक्ष कर्नल अरुण कैंथला ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए जानकारी दी कि संस्था द्वारा कार्यक्रम के दौरान 800 तुलसी के पौधे वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि भारत विकास परिषद तुलसी वितरण, पौधारोपण, भारत को जानो क्विज, महिला जागरूकता शिविर, बालिका छात्रवृत्ति तथा अन्य सामाजिक कार्य समय-समय पर करवाती रहती है।
इस अवसर पर कृषि उपज विपणन समिति सोलन के अध्यक्ष संजीव कश्यप, पूर्व ज़िला परिषद की अध्यक्ष कुमारी शीला, भारत विकास परिषद सोलन के सचिव अशोक टंडन, कोषाध्यक्ष दीपाजंली शर्मा, मुख्य संरक्षक डॉ. एम.पी. सिंघल, प्रांत संगठन मंत्री डॉ. राम गोपाल शर्मा तथा प्रदीप ममगई सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।