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देश में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन बैकिंग ट्रांजेक्शन के साथ ही साइबर फ्रॉड भी बढ़ गया है। यही वजह है कि हर दिन भारत में बैंक और स्कैम के जरिये लोगों से 100 करोड़ रुपये की ठगी की जा रही है। तमाम वेबसाइट और क्लोन के जरिये ठग लोगों के खातों से पलक झपकते ही रुपया साफ कर रहे हैं। इस ठगी में ज्यादातर वह लोग शिकार होते हो रहे हैं जो ऑफर, सस्ते सामान और गिफ्ट के लालच में आकर एक से दूसरी साइटों पर विजिट कर लेते हैं। इन साइटों पर जाते ही उनके बैंक से लेकर डेबिट कार्ड, मेल आईडी और पासवर्ड जैसी चीजें सुरक्षित कर साइबर क्रिमिनल ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं।
गूगल पर सर्च करते ही आप तक ऐसे पहुंच जाते हैं ठग
बैंक से लेकर आधार अपडेट, मोबाइल सेंटर या फिर पैन कार्ड से लेकर किसी अन्य का कस्टमरकेयर नंबर निकालने के लिए आप गूगल सर्च इंजन का सहारा लेते हैं। यहां पर सर्च करते ही आप को नंबर मिल जाते हैं। जिन पर विश्वास कर आप तुरंत कॉल करते और जो वह कहते हैं। वह स्टेप्स आप फॉलो कर लेते हैं। आप को नंबर किसका मिला इसका पता आप को ठगी का शिकार होने पर लगा। जी हां दरअसल आज कल साइबर ठग सरकारी से लेकर तमाम सर्विस कंपनियों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर उसे गूगल पर ट्रेड कराकर अपना नंबर डाल देते हैं। आप इन पर विश्वास कर सारी जानकारी साझा करते हैं और यह आप को ठगी का शिकार बना लेते हैं।
क्यूआर कोड स्कैन (QR Code) का झांसा
कुछ साइबर हैकर आप के मोबाइल पर एसएमएस या व्हॉट्सऐप पर टेक्स्ट मैसेज कर संपर्क करते हैं। वह अपनी अलग अलग सर्विस बताकर आप को झांसे में लेते हैं। यहां आरोपी आप को विश्वास में लेकर मोबाइल में एप के जरिये क्यूआर क्विक रिस्पांस कोड स्कैन कराते देते हैं। जब तक आप कुछ समझ पाते हैं क्यूआर कोड स्कैन होते ही खाते से रुपये निकल जाते हैं। इसका पता आपको ठगी का शिकार होने पर लगता है।
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आप के मोबाइल में ऐप डाउनलोड कराकर लगा रहे चूना
वहीं इन दिनों कुछ साइबर ठग आप के बिजली बिल, पानी बिल या फिर मनी बैक के बहाने मोबाइल की स्क्रीन शेयरिंग कर ऐप डाउनलोड करने को कहते हैं। उनके कहने पर जैसे ही कोई भी शख्स मोबाइल में वह ऐप डाउनलोड करता है। इसके बाद उनके मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर की सारी स्क्रीन और एक्सेस ठग के पास पहुंच जाता है। वह मिनटों में मोबाइल में पड़ी मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये ठगी की वारदात को अंजाम दे देता है।
कार्ड क्लोन और हैकिंग से भी कर रहे खेल
ठग कई मामलों में आप के डेबिट और क्रेडिट कार्ड का नंबर, पिन देकर एक क्लोन तैयार कर लेते हैं। इसके बाद आपका डेबिट और क्रेडिट कार्ड जेब में होने के बावजूद दूर बैठे ठग आपका खाता साफ कर देते हैं। इसी तरह ठग फर्जी वेबसाइटों और बंपर डिस्काउंट या कैश बैक का लालच देकर आपकी बैंक से जुड़ी जानकारी लेकर हैकिंग की वारदात को अंजाम देते हैं।
साइबर फ्रॉड का नया तरीका है जूस जैकिंग
जूस जैकिंग साइबर क्रिमिनल्स का नया तरीका है। इसमें सार्वजनिक स्थानों पर लगे चार्जिंग प्वाइंट्स में साइबर ठग वायरल डाल देते हैं। जैसे ही कोई भी शख्स अपना मोबाइल इन पोर्ट्स में लगाता है। उक्त मोबाइल का सारा कंट्रोल साइबर क्रिमिनल्स के हाथ में आ जाता है। इसके बाद वह आप के मोबाइल मौजूद ई मेल आईडी, मोबाइल बैकिंग ऐप या दूसरी कीमती चीजों के पासवर्ड चोरी कर ठगी की वारदात को अंजाम दे देते हैं।
सावधानी है बड़ा बचाव
साइबर अपराध से बचने का सबसे बड़ा साधन है सावधानी। अगर आप सावधानी बरतेंगे तो आप साइबर फ्रॉड से बच रह सकते हैं। आपकी एक छोटी सी लापरवाही या अनदेखी आप को साइबर क्रिमिनल्स का शिकार बना सकती है। जानें कैसे रहें इन से सावधान
मोबाइल, बैकिंग ऐप, लैपटॉप और कंप्यूटर के पासवर्ड स्ट्रॉग रखें।बैंक से आने वाले मैसेज और एडवाइजरी का ध्यान रखें।बिना मतलब वेबसाइट सर्फिंग न करें। खासकर नई और अनसिक्योर वेबसाइटपासवर्ड और डिटेल मोबाइल नोट्स में न रखें।अंजान नंबर से आने वाले कॉल और एसएमएस पर रिप्लाई न करें।एसएमएस में आने वाले लिंक, ऑफर, गिफ्ट और
बधाई
लिंक पर क्लिक न करें।http लिखी साइटों पर सर्फिंग न करें।जिन साइटों के यूआरएल के आसपास लाल रंग का क्रॉस दिखाई दे समझो वह सिक्योर नहीं है
सादर सहित
सदर पुलिस मंडी
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