हिमाचल : बीजेपी के बागी नेताओं के खिलाफ पार्टी क्या लेगी ऐक्शन? बोले CM जयराम ठाकुर।प्रदेश विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. इस सूची में कुछ पुराने चेहरों के नाम नहीं हैं.
इससे कई असंतुष्ट नेताओं ने निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है. इनके बगावती रुख पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि पार्टी बड़ी हो गई है और हमारे नेताओं की आकांक्षाएं भी बड़ी हो गई हैं. कई नेताओं ने टिकट की मांग की थी, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान ही लेता है.
सीएम जयराम ठाकुर ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि हम बागी नेताओं के संपर्क में हैं और उन्हें वापस पार्टी में लाने के लिए मनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. उम्मीद करते हैं कि हम इसमें कामयाब होंगे. जो नेता बगावती तेवर अपनाते हुए नामांकन वापस नहीं लेते हैं, उनके खिलाफ पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है.सीएम ने कहा कि प्रदेश में विकास के कई कार्य हुए हैं. ये जनता जानती है. हमने राज्य में 5,000 किलोमीटर सड़कें बनाई हैं, जबकि पहले इसी अवधि में औसतन 2,500 किलोमीटर सड़कें बनाई गई थीं.
पूर्व विधायक ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर किया नामांकन
कई विधायकों ने टिकट नहीं मिलने पर बगावती रुख अख्तियार कर लिया है.नालागढ़ के पूर्व विधायक केएल ठाकुर ने बीजेपी से टिकट न मिलने पर बगावत कर दी है. उन्होंने यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है. चंबा में बीजेपी ने पहले इंदिरा कपूर को टिकट दिया, जिसके बाद मौजूदा विधायक पवन नय्यर ने रोष रैली निकाल विरोध जताया. इसके बाद पार्टी ने फैसला बदलकर नय्यर की पत्नी नीलम को मैदान में उतारा. इस फैसले के बाद इंदिरा कपूर और उनके समर्थकों ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर दिया.
भरमौर में बीजेपी ने मौजूदा विधायक का कटा पत्ता
वहीं, भरमौर में बीजेपी ने मौजूदा विधायक जिया लाल कपूर का टिकट काटकर न्यूरोसर्जन जनक राज पखरेतिया को मैदान में उतारा है. इसके बाद विधायक कपूर और उनके समर्थक नाराज हो गए. बीजेपी ने धर्मशाला के मौजूदा विधायक विशाल नेहरिया का भी टिकट काट दिया है. जिसके बाद उनके समर्थकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. किन्नौर में भी टिकट को लेकर पार्टी के नेताओं में नाराजगी है. यहां 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के हाथों से महज 20 वोटों में हारने वाले पूर्व विधायक तेजवंत नेगी ने मुख्यमंत्री के खास सूरत नेगी को उम्मीदवार बनाए जाने पर नाराजगी जताई है.
दरअसल, पार्टी नेताओं की बगावत को पहले ही भांपकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीएम जयराम ठाकुर, पार्टी के चुनाव प्रभारी सौदान सिंह, बीजेपी नेता मंगल पांडे, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुरेश कश्यप, पार्टी प्रभारी अविनाश राय खन्ना और उपमुख्यमंत्री संजय टंडन को विद्रोहियों को शांत कराने की जिम्मेदारी सौंपी है.
http://dhunt.in/Ei8l7?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “TV9 Bharatvarsh”