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ऊना को भाया समूहों के खाने का स्वाद, दो दिन में 10 हजार के पार हुई सेल

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ऊना, 3 अगस्तः एमसी पार्क ऊना में एक अगस्त से आरंभ हुए राखी उत्सव मेले में फूड वैन ऊनावासियों के दिलों की लुभा रही हैं। यूं तो मेले में पांचों विकास खंडों के अलग-अलग स्टॉल लगे हैं, लेकिन मात्र दो दिन में अकेले फूड वैन ने 10 हजार रुपए से अधिक की सेल की है।
अन्नपूर्णा फूड वैन विकास खंड हरोली के 14 स्वयं सहायता समूहों के योगदान से चलाई जा रही है। सभी महिलाएं उनके खाने को लोगों से मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रिया से बेहद उत्साहित हैं। फूड वैन के साथ काम कर रही अंजलि ने बताया कि फूड वैन के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से 1.15 लाख रुपए की सहायता ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त भी विभाग ने काफी मदद एवं प्रोत्साहन दिया है। फूड वैन पर लोगों को किफायती दामों पर खाना परोसा जाता है और लोग खाने का काफी पसंद कर रहे हैं।
वहीं फूड वैन की ड्राइवर व हैडकुक सपना भी जिला प्रशासन व ग्रामीण विकास विभाग का धन्यवाद करते हुए बताती हैं कि महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्य खाना बनाने के कारोबार से जुड़कर काफी खुश हैं। सपना ने बताया कि वह फूड वैन को स्वयं चलाती हैं और खाना भी बनाती हैं। इस काम में उन्हें काफी आनंद आ रहा है और लोग काफी संख्या में खाना खाने के लिए आ रहे हैं।
एनआरएलएम के तहत ग्रामीण विकास विभाग अपना काम आरंभ करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को काफी मदद प्रदान करता है। उन्हें रिवॉल्विंग फंड के साथ-साथ 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण भी प्रदान किया जाता है, ताकि वह अपना कारोबार अच्छे से चला सकें।
जिलाधीश ऊना राघव शर्मा ने कहा कि फूड वैन सोमभद्रा के तहत एक नई शुरूआत है, जिसे आगे भी जारी रखा जाएगा। शुरूआती परिणाम काफी अच्छे मिल रहे हैं और आने वाले समय में सरस मेले सहित अन्य मेलों में फूड वैन को भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त स्थानीय त्यौहारों, मौसम व कारोबार की संभावना को देखते हुए भी फूड वैन का इस्तेमाल किया जाएगा। फूड वैन के सफल संचालन के लिए एक पूरी कार्य योजना तैयार की जा रही है और विभिन्न सरकारी विभागों की बैठकों में, जहां भी पका-पकाया खाने की डिमांड होगी, वहां भी फूड वैन को भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन महिला स्वयं सहायता समूहों की आय वृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत है। पहले भी सभी स्वयं सहायता समूहों के तैयार किए जा रहे उत्पादों में एकरूपता लाने के लिए उन्हें सोमभद्रा ब्रांड नेम प्रदान किया गया है। यह प्रयास सफल रहा है और इससे स्वयं सहायता समूहों अब तक 8.60 लाख रुपए की आय हुई है।
वहीं परियोजना अधिकारी संजीव ठाकुर ने बताया कि एक अगस्त से आरंभ हुए राखी उत्सव मेले को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। जहां फूड वैन आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, वहीं पहले दो दिन में मेले में लगाए गए स्टॉल से कुल 50 हजार रुपए से अधिक का कारोबार हुआ है। यहां पर इको फ्रैंडली राखियों बेची जा रही हैं और सोमभद्रा के अन्य उत्पाद भी बिक्री के लिए रखे हुए हैं। अगले कुछ दिनों में और बेहतर नतीजे आने की उम्मीद है।
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