मंडी जिले में चार विधायकों के टिकट कटने से भितरघात की आशंका

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मंडी जिले में चार विधायकों के टिकट कटने से भितरघात की आशंका।मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी में टिकट आवंटन के बाद भाजपा की सियासत सुलझने के बजाय उलझ गई है। वरिष्ठ मंत्री समेत चार विधायकों के टिकट कटने से पार्टी में भितरघात की आशंका रिवाज बदलने की राह में रोड़ा बन सकती है।धर्मपुर से वरिठ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का टिकट बदला है। उन्होंने अपने बेटे रजत ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारकर राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश की है। तो बेटी वंदना गुलेरिया की बगावत को संभाल नहीं पा रहे। भाई को टिकट मिलने पर रूटी बहन सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाल रही हैं। इसके चलते उन्होंने भाजपा महिला मोरचा के प्रदेश महामंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। अटकलें यह हैं कि वह पार्टी से भी किनारा कर सकती हैं। धर्मपुर महेंद्र सिंह की कर्म भूमि है। वह सात बार लगातार यहां से चुनाव लड़े और जीते हैं। धर्मपुर से अभी कांग्रेस का टिकट तय होना बाकी है।
सरकाघाट के तीन बार विधायक रहे कर्नल इंद्र सिंह को मोरचे से हटा दिया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार टिकट कटने के पीछे उम्र जहां कारण है। वहीं धूमल गुट से करीबी और पुराने कार्यकर्ताओं की नाराजगी से उन्हें टिकट से हाथ धोना पड़ा है। भाजपा का नया चेहरा दलीप ठाकुर संगठन से बेशक जुड़े हैं लेकिन यहां इंद्र और चंद्र के जोड़ का तोड़ दलीप को ढूंढना होगा। बता दें कि चंद्र मोहन शर्मा थौना वार्ड से भाजपा समर्थित जिला परिषद सदस्य हैं। वे समाजसेवी भी हैं और टिकट के चाहवान थे। हाल ही में एक जनसभा में इंद्र और चंद्र इकट्ठे नजर आए और चुनावी फिजाओं में इंद्र चंद्र की जोड़ी खूब चर्चा में रही। यहां भी कांग्रेस का टिकट तय होना शेष है।
द्रंग में जवाहर ठाकुर का टिकट बदलकर भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पूर्ण चंद पर दाव खेला है। फोरलेन से जुड़े परिवार के साथ विवाद और सीएम के गृहक्षेत्र से की शिकायतें टिकट कटने का कारण हो सकता है। लेकिन यहां पूर्ण की राह आसान नहीं होगी। मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर से होगा। जोकि पूर्ण के राजनीतिक गुरु भी रह चुके हैं। हालांकि 2017 में पूर्ण की बगावत के चलते ही कौल सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार यदि जवाहर और पूर्ण साथ मिलकर चले तो कौल के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
करसोग में भी सीटिंग एमएलए का टिकट कटा है। कमजोर परफोरमेंस और संगठन में सही पकड़ न होना इसका कारण माना जा रहा है। यहां संगठन से जुड़े नए चेहरे दीप चंद कपूर की अग्निपरीक्षा होगी। वहीं सुंदरनगर में राकेश जम्वाल के लिए राहें आसान नहीं होंगी। भाजपा के पूर्व मंत्री रूप सिंह के बेटे अभिषेक की बगावत परेशानी बढ़ाएगी।
जोगिंद्रनगर में प्रकाश राणा को पूर्व भाजपा मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर की चुनौती होगी। 2017 में भाजपा के टिकट से लड़े गुलाब को प्रकाश के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। तबसे इनके रिश्ते खटाई में हैं। सर्वे में बेशक खरे उतरे हों, लेकिन बल्ह और नाचन में विधायकों के प्रति जनता की नाराजगी जीत की राह में रोड़ा बन सकती है। वहीं सदर में पांच साल भाजपा के साथ न चलने वाले अनिल शर्मा को टिकट मिलने पर भी अंदरखाते विरोध है। यहां कई दिग्गज टिकट की आस लगाकर बैठे थे जबकि सीएम के सराज में सियासी हवाएं सामान्य हैं।

http://dhunt.in/DLsFd?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “अमर उजाला”

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