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मंडी, 3 अगस्त। जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा ने कहा कि मंडी जिले में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष में 46.79 करोड़ रूपये विविध स्कीमों के जरिए खर्चे जा रहे हैं, जिसमें से गत तिमाही 3.21 करोड़ रूपये खर्चे गए हैं। वह बुधवार को उपायुक्त कार्यालय के समिति हाॅल में जिला स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में सदस्य सचिव एवं कार्यक्रम अधिकारी डीआरडीए नवीन शर्मा ने जिले के जन-प्रतिनिधियों, बीडीओ, शिक्षा, जिला कल्याण इत्यादि सहित उपस्थित तमाम विभागों अधिकारी/प्रतिनिधियों के समक्ष मदवार एजेंडा समीक्षा के लिए प्रस्तुत किया और विगत तिमाही के प्रगति प्रतिवेदन से अवगत कराया।
पाल वर्मा ने स्वच्छ भारत मिशन-जी के तहत जिले में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य पर बल देते हुए कहा कि बीडीओ इन स्कीम को धरातल पर उतारना सुनिश्चित बनाएं। चालू वित्त वर्ष जिले को 818 गांवों में 500 सिंगल पिट यूनिट की रेट्रोफिटिंग, 62 अपशिष्ट पृथक्करण इकाई, 15 हजार सोक पिट, 2 हजार कंपोस्ट पिट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सभी बीडीओ अपने कार्यक्षेत्र में सिंगल यूज पिट यूनिट शौचालय के स्थान पर डबल यूज पिट यूनिट शौचालय के फायदों के बारे जन-जन को जागरूक करने की व्यापक मुहीम चलाएं। जमीनी स्तर पर इन स्कीमों का लाभ पहुंचाने के लिए स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के जरिए जन-जन को जागरूक किया जाए।
पाल वर्मा ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर-घर तिरंगा अभियान के जरिए व्यापक मुहीम छेड़कर हरेक खंड, पंचायत व वार्डस्तर पर सभी जन-प्रतिनिधि, महिला मंडल, स्वयं सहायता समूह इत्यादि के सहयोग से गांव-गांव में प्लास्टिक बेस्ट के नुकसान व चिन्हित स्थान पर एकत्र कराने के लिए जन-जन को जागरूक किया जाए। जिले में प्लास्टिक वेस्ट सफाई अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले को सम्मानित करने को कहा है। बीडीओ अपने कार्यक्षेत्र में प्लास्टिक बेस्ट शैड शीघ्र तैयार कराना सुनिश्चित बनाएं। ताकि धरातल में इस स्कीम को अमलीजामा पहनाया जा सके।
वहीं, शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग को जिले में स्कूली बच्चों के जरिए प्लास्टिक बेस्ट व नुकसान के बारे जागरूक करने को कहा है। ताकि वे अपने घर में जाकर बड़े बुजुर्गों को यह संदेश पहुंचा सके। जिले में स्कूली बच्चों के जरिए सलोगन रैलियां आदि कराकर जन-जन को प्लास्टिक बेस्ट के नुकसान के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाए। सरकारी व प्राइवेट बसों में डस्टबिन लगवाना सुनिश्चित बनाया जाए, ताकि एन.एच. व लिंक रोड में सफर करते वक्त लोग प्लास्टिक को ऐसे ही इधर-उधर न फैंके। जिला कल्याण अधिकारी को सरकार की जन-कल्याणकारी स्कीमों के जरिए प्लास्टिक बेस्ट बारे जन-जन को जागरूक करने को कहा। उन्होंने लोगों से खड्ड, नदी, नालों इत्यादि में प्लास्टिक न फेंकने की अपील की है।
पाल वर्मा ने संबंधित विभाग को जिले में चिन्हित स्थानों में गोबरधन वायो गैस प्लांट लगाने को कहा। गाय के अपशिष्ट पदार्थ से बनने वाले स्वदेशी उत्पाद तैयार कराने के लिए महिला मंडल, स्वयं सहायता समूह इत्यादि को प्रेरित किया जाए। मंडी बस अड्डा की समीप स्वदेशी उत्पाद विक्रय करने के लिए ‘हिम ईरा शाॅप’ बनाई जा रही है। इसके जरिए महिलाओं अपने स्वदेशी उत्पाद विक्रय करने के लिए उपयुक्त मंच मिलेगा। वहीं, ब्लाॅक स्तर पर भी इस तरह मंच बनाए जा रहे हैं। जिसका सीधा फायदा महिलाओं को मिलेगा और उनकी आर्थिकी सशक्त होगी।
बैठक मंे जिला परिषद उपाध्यक्ष मुकेश कुमार, जिला परिषद सदस्य वंदना गुलेरिया, अतिरिक्त उपायुक्त मंडी जतिन लाल, जिला कल्याण अधिकारी आरसी बंसल, उप-निदेशक शिक्षा प्रारंभिक अमर नाथ राणा, डीआरडीए जिला समन्वयक ज्योति प्रकाश सहित तमाम विभागों के अधिकारी/कर्मचारी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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