राज्यपाल ने थुनाग में किसान-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम और प्राकृतिक खेती-किसान मेले की अध्यक्षता की
राज्यपाल ने थुनाग में किसान-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम और प्राकृतिक खेती-किसान मेले की अध्यक्षता की
राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने आज मण्डी जिले के थुनाग में डॉ. यशवंत सिंह परमार वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय, नौनी द्वारा आयोजित “प्राकृत खेती-किसान मेला” और किसान-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसानों के अनुभव प्रेरणादायक हैं। और प्राकृतिक खेती को उनके अनुभवों से बढ़ावा मिल रहा था।
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में प्राकृतिक खेती और उसके उत्पादों की चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि इसलिए प्राकृतिक खेती को जीवन का हिस्सा बनाने की जरूरत है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि हिमाचल ने प्राकृतिक खेती की पहल कर देश में एक मिसाल कायम की है, जिसमें हर प्रगतिशील किसान को अपना योगदान देने की जरूरत है।
डॉ. साधना ठाकुर, सदस्य, भारतीय रेड क्रॉस प्रबंधन समिति और अध्यक्ष, राज्य रेड क्रॉस अस्पताल कल्याण अनुभाग, ने कहा कि किसानों को किसान होने पर गर्व होना चाहिए क्योंकि वे अन्नदाता थे. उन्होंने प्राकृतिक खेती अभियान में योगदान देने की अपील की।
डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल, कुलपति डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौनी ने कहा कि हिमाचल देश का नेतृत्व कर रहा है और देश में पहला प्राकृतिक कृषि राज्य बन गया है और सिराज विधानसभा क्षेत्र हिमाचल का पहला विधानसभा क्षेत्र होगा। पूरी तरह से प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए आगे बढ़ रहे थे।
डॉ. पी.एल. शर्मा, डीन, बागवानी एवं वानिकी महाविद्यालय, थुनाग ने राज्यपाल एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ए.के. जोशी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा भी उपस्थित थे।
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