‘हरकी पैड़ी पर नहीं बहती हैं गंगा मैय्या, नीलधारा में करेंगे नेताजी की अस्थियों का विसर्जन’

Spread the Message
Read Time:5 Minute, 38 Second

‘हरकी पैड़ी पर नहीं बहती हैं गंगा मैय्या, नीलधारा में करेंगे नेताजी की अस्थियों का विसर्जन’।17 अक्टूबर को मुलायम सिंह का अस्थि विसर्जन (Bone immersion of Mulayam Singh) होगा. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पिता का अस्थि विसर्जन करने हरिद्वार पहुंचेंगे. बड़ी बात ये है कि मुलायम सिंह का अस्थि विसर्जन हरकी पैड़ी पर नहीं होगा.अब अस्थि विसर्जन कार्यक्रम नीलधारा पर होगा.

देहरादून: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की अस्थियां हरिद्वार पहुंच रही हैं. अस्थियों को विसर्जित करने के लिए अखिलेश यादव और अन्य नेता मौजूद रहेंगे. इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब किसी व्यक्ति विशेष के अस्थियों को हरिद्वार की हरकी पैड़ी नहीं बल्कि नमामि गंगे घाट पर विसर्जित किया जाएगा. हरिद्वार में हरकी पैड़ी और ब्रह्मकुंड की मान्यताओं को लेकर पहले भी सवाल खड़े होते रहे हैं. ऐसा पहली बार है कि जब खुद अखिलेश यादव ने हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे से फोन पर बातचीत करके हरकी पैड़ी नहीं बल्कि नीलधारा स्थित नमामि गंगे घाट पर अस्थि विसर्जन करने का प्लान किया है.

जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने बताया कि, अखिलेश यादव की तरफ से साफ तौर पर यह निर्देश दिए गए थे कि मुलायम सिंह यादव की अस्थियों का विसर्जन बहती हुई धारा में किया जाएगा. बता दें इस वक्त हरकी पैड़ी पर सालाना गंगा बंदी को लेकर गंगा में पानी कम किया गया है. ऐसे में लाखों करोड़ों श्रद्धालु हरकी पैड़ी पर अस्थि विसर्जन कर रहे हैं, लेकिन अखिलेश यादव का हरकी पैड़ी को छोड़कर नीलधारा में अस्थियों को विसर्जित करना बड़े सवाल पैदा कर रहा है.
पढ़ें- क्यों उत्तराखंड के लिए कभी ‘नेताजी’ नहीं बन पाए मुलायम सिंह यादव? पढ़ें किस्सा

वहीं, मुलायम सिंह यादव की अस्थियां विसर्जित करने के कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा की जिम्मेदारी रामगोपाल यादव ने तय की थी. रामगोपाल यादव रविवार शाम हरकी पैड़ी भी पहुंचे. जहां उन्होंने गंगा सभा के पदाधिकारियों से ना केवल बातचीत की बल्कि पूरी व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया. रामगोपाल यादव की तरफ से यह सुनिश्चित कर दिया गया था कि हरिद्वार की हरकी पैड़ी पर ही मुलायम सिंह यादव की अस्थियों को विसर्जित किया जाएगा, लेकिन अधिकारियों को निर्देश देने के बाद भी आखिरकार क्यों हर की पैड़ी पर नहीं बल्कि नीलधारा में अस्थियों को विसर्जित करने का कार्यक्रम बनाया गया.

उधर, इस बारे में जब हमने हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे से बातचीत की तो उन्होंने बताया यह किसी की आस्था का विचार हो सकता है. जैसा हमें निर्देशित किया गया वैसा ही हमने कार्यक्रम सुनिश्चित किया है. हमारी तरफ से नमामि गंगे घाट पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. इसके साथ ही हरिद्वार की डाम कोठी को भी आरक्षित किया गया है.

बताया जा रहा है अखिलेश यादव इस बात से नाराज थे कि हरकी पैड़ी पर गंगा का जो प्रभाव है वह पूरी तौर पर नहीं है. हालांकि गंगा सभा और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की तरफ से यह आश्वासन दिया गया था कि अस्थि विसर्जन के दौरान 4 फुट पानी छोड़ा जाएगा, लेकिन सब बातों को नजरअंदाज करते हुए अखिलेश यादव ने हरकी पैड़ी को छोड़कर क्यों नीलधारा में पिता की अस्थियां विसर्जित करने का फैसला किया इसको लेकर कई तरह के कयासबाजी शुरू हो गई है.

आपको बता दें कि बीते दिनों हरिद्वार की हरकी पौड़ी को उत्तराखंड सरकार द्वारा गंगा कैनाल शासनादेश में घोषित किए जाने के बाद नई बहस शुरू हो गई थी कि हरकी पैड़ी पर बहने वाली धारा कैनाल है या हकीकत में ब्रह्मकुंड. इस खबर को लेकर हरिद्वार गंगा सभा से बार-बार संपर्क करने के बाद भी गंगा सभा के पदाधिकारियों ने फोन नहीं उठाया है.

http://dhunt.in/DzhO1?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “ETV Bharat हिंदी”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल में प्रत्याशियों के चयन के लिए BJP ने अपनाई मतदान की नई रणनीति।
Next post Shani Dosh Remedies: इन संकेतों से पहचाने शनिदेव आपसे नाराज हैं, करें ये उपाय
Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
error: Content is protected !!