हमीरपुर 21 अक्तूबर। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिला में आदर्श आचार संहिता की अक्षरश: अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रबंध किए गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी देबश्वेता बनिक ने बताया कि जिला के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में उडऩ दस्तों का गठन किया गया है। ये उडऩ दस्ते लगातार फील्ड में सक्रिय हैं और हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाताओं को पैसे या अन्य सामग्री के वितरण, प्रलोभन देने और धमकाने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई एवं सजा हो सकती है। उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान धनराशि या अन्य सामग्री के वितरण के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश करता हुआ पाया गया तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 171बी के तहत एक साल का कारावास एवं जुर्माना हो सकता है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति किसी मतदाता या अभ्यर्थी को किसी भी तरह की धमकी देता है तो उसे भी भारतीय दंड संहिता की धारा 171 सी के तहत एक साल का कारावास एवं जुर्माना हो सकता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदाताओं को पैसे या अन्य सामग्री के रूप में प्रलोभन देने तथा डराने-धमकाने में संलिप्त व्यक्तियों की सूचना जिला स्तरीय कंप्लेंट मॉनीटरिंग सैल के दूरभाष नंबरों 01972-222003, 222004, 222005 और 222006 पर दी जा सकती है। इसके अलावा निर्वाचन आयोग के सीविजिल ऐप के माध्यम से भी शिकायत की जा सकती है।
नकदी के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी ने की अपील
जिला निर्वाचन अधिकारी देबश्वेता बनिक ने बताया कि नकदी, शराब और अन्य वस्तुओं के वितरण पर नजर रखने के लिए जिला में प्रत्येक पुलिस स्टेशन के अधीन उडऩ दस्ते बनाए गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी लोगों से अपील की है कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति अगर बड़ी मात्रा में नकदी ले जा रहा है तो उसके पास उक्त धन के स्रोत तथा उसके अंतिम प्रयोग के संबंध में आवश्यक दस्तावेज अवश्य होने चाहिए। उसके पास पैन कार्ड और उसकी प्रतिलिपि, बैंक पासबुक की प्रतिलिपि या निकासी को दर्शाने वाली बैंक विवरणी, व्यवसाय पंजीकरण प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि, व्यवसाय से संबंधित लगातार लेन-देन को दर्शाने वाली कैश बुक की प्रतिलिपि, विवाह समारोह आमंत्रण, अस्पताल में दाखिल होने और अन्य कार्यों में पैसे के अंतिम प्रयोग का प्रमाण होना चाहिए। उन्होंने सभी जिलावासियों से आदर्श आचार संहिता की अक्षरश: अनुपालना में सहयोग की अपील भी की।
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