प्रवीण शर्मा : जिन पर था चुनाव प्रचार का जिम्मा अब वही लड़ेंगे भाजपा के खिलाफ ।हिमाचल प्रदेश भाजपा चुनाव प्रचार समिति के संयोजक प्रवीण शर्मा ने पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने के बाद वीरवार को मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया।नामांकन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कालेज व विश्वविद्यालय स्तर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में 10 साल तक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया है। 2006 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। पार्टी ने 2007 में उन्हें सदर हलके से टिकट दिया था। उस समय संगठन में विद्रोह हो गया था। कार्यकर्ताओं का विरोध भी जायज था। क्योंकि उन्हें संगठन में आए अधिक समय नहीं हुआ था। कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए उन्होंने टिकट को बिना किसी संकोच के डीडी ठाकुर की झोली में डाल दिया।
अनिल शर्मा ने हर मंच पर भाजपा नेताओं का अपमान किया
संगठन ने उन्हें 2012 के चुनाव में दोबारा टिकट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से टिकट नहीं दिया गया। वह 2017 तक संगठन की मजबूती में जुटे रहे। 2017 में पार्टी ने उस परिवार के व्यक्ति को टिकट दिया जो परिवार भ्रष्टाचार का प्रतीक था। उन्होंने कार्यकर्ता के नाते संगठन का कार्य किया। भ्यूली पुरानी मंडी वार्ड से भाजपा को 200 से अधिक मतों से बढ़त प्राप्त हुई थी। पिछले पांच साल से प्रदेश भाजपा संगठन और सरकार में उपेक्षा के शिकार रहे। हाल में ही उन्हें पार्टी ने भाजपा चुनाव प्रसार प्रचार समिति का प्रदेश संयोजक बनाया था।
एक बार फिर पार्टी ने सदर से फिर अनिल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। तीन साल तक अनिल शर्मा ने भाजपा नेताओं का हर मंच से अपमान किया है। इन परिस्थितियों में अब कोई भी स्वाभिमानी कार्यकर्ता पार्टी में नहीं रह सकता है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर कार्यकर्ताओं की भावना को देखते हुए अनिल शर्मा या उसके पुत्र को टिकट न देने का आग्रह किया था, लेकिन कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान नहीं किया गया।
http://dhunt.in/DO6zZ?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “जागरण”
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